![](/static/img/cuadrada_300px/1-rev02365-junio-1964_20200729012854.jpg)
रियल मैड्रिड ने फर्नांडेज की बेहतरीन काबिलियत के साथ एक शानदार टीम को अपने साथ रखा, जिसे सपोर्टा द्वारा एक नई दिशा दी गई थी। इसके साथ ही यह एमिलियानो, लुइक, सेविलानो और ब्रेबेंडर का दशक था, जिन्होंने टीम को स्पेन में हावी होने और महाद्वीप पर अपनी पहचान बनाने में अपना योगदान दिया था और टीम ने 1964 में अपनी पहली यूरोपीय चैंपियनशिप भी जीती थी।
रियल मैड्रिड पश्चिमी यूरोप की तरफ से यूरोपीय चैंपियनशिप कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम थी। स्पेनिश खिलाड़ियों को 1962 और 1963 के फाइनल में दिनामो थ्बिलिसि और सीएसकेए मास्को से हार का सामना करना पड़ा था। बताते चलें कि टीम उस समय तक सोवियत ब्लॉक की टीमों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना वर्चस्व कायम रखा था, लेकिन 1964 में होने वाले टोक्यों ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।
रियल मैड्रिड स्पार्टक ब्रनो के खिलाफ तीसरे यूरोपीय चैंपियनशिप कप के फाइनल मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार थी। जहां जोकीन हर्नांडेज टीम के पहले कोच थे और फर्नांडेज के साथ डायरेक्टर अपने कर्तव्यों को पूरा करने लिए तत्पर थे और एमिलियानो, लुइक और बॉब बर्गेस सतह से बाहर खेल रहे थे। वहीं, फर्स्ट लेग में 11 अंकों से हारने के बाद मैड्रिड ने आखिरकार ट्रॉफी पर अपना नाम हासिल कर लिया और इसी के साथ उन्होंने फिएस्टा एलेग्रे में 20 अंकों के साथ वापसी कर जीत हासिल की।
एक साल बाद रियल मैड्रिड ने सोवियत संघ के साथ प्रतियोगिता में वापसी की और महाद्वीप पर सर्वश्रेष्ठ क्लब के रूप में अपनी पहचान स्थापित की। 1963 के फाइनल में शक्तिशाली टीम सीएसकेए मॉस्को से फिर भिडंत हुई, जहां एमिलियानो और लुइक के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से खिताब अपने नाम किया। इसी के साथ रियल मैड्रिड बास्केटबॉल टीम साठ और सत्तर के दशक के दौरान यूरोपीय खेल पर हावी रही।
पेड्रो फर्नांडेज ने बेहतरीन खिलाड़ियों की तलाश में संयुक्त राज्य अमेरिका की कई बार यात्राएं कीं, जो उनकी टीम को बनाने में मदद कर सकते थे। इसी के साथ उनके इस मिशन के परिणामस्वरूप उन्हें पहला महान अमेरिकी खिलाड़ी यूरोप से वेन हाईटावर के रूप में मिला। दरअसल, वह एनबीए में मुकाबला खेलने के लिए अनुमति का इंतजार कर रहे थे। जहां वह हार्लेम ग्लोबट्रॉटर के लिए खेलने जा रहे थे, लेकिन फर्नांडेज ने इस खिलाड़ी को स्पेन में आने के लिए सहमति जता ली। इस अमेरिकी खिलाड़ी ने रियल मैड्रिड के साथ (1961-62) एक सीज़न के लिए खेले। जहां इस दौरान वह लीगा नेशनल (घरेलू लीग) में टॉप स्कोरर थे। इसके साथ ही उन्होंने यूरोपियन चैंपियनशिप कप के फाइनल में पहुंचने में अपना अहम योगदान दिया। वहीं, फर्नांडेज की उसके बाद की यात्राएं भी सफल रहीं। फर्नांडेज की अमेरिकी यात्राओं के दौरान कई दिग्गज खिलाड़ियों को रियल मैड्रिड क्लब ने साइन किया। जिसमें लुइक क्लिफर्ड (1962), वायने ब्राबेंडर(1967) और वाल्टर सज़बेकियाक (1973) जैसे दिग्गज खिलाड़ी क्लब के साथ जुड़े।
पेड्रो फर्नांडेज हमेशा बाकी लोगों से एक कदम आगे रहते थे। इसका बेहतरीन उदाहरण 1962 के यूरोपीय चैंपियनशिप कप में अंतिम 16 के दौर के फर्स्ट लेग के दौरान वारिसे के खिलाफ देखने को मिला था। जहां स्कोर बराबर होने और घड़ी में बस कुछ ही सेकंड बचे होने के साथ, फर्नांडेज ने लोरेंजो अलोकेन को अपने बास्केट में स्कोर करने का आदेश दिया ताकि मुकाबला अतिरिक्त समय में जाने से बच सके, उन्होंने सोचा था कि उनकी टीम के लिए यह हानिकारक होगा। हालांकि मैड्रिड यह मुकाबला हार गई, लेकिन केवल दो प्वाइंट्स से दूसरे लेग में फिएस्टा एलेग्रे में वापसी की। मुकाबले के परिणामस्वरूप फीबा को अपने इस नियमों को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
6 जनवरी 1966 को रियल मैड्रिड ने स्यूदाद डेपोर्टिवा बास्केटबॉल एरीना का उद्घाटन किया। यह फिएस्टा एलेग्रे की क्षमता के दोगुने होने के साथ-साथ पहला कोर्ट था, जो आधिकारिक तौर पर टीम से संबंधित था। उद्घाटन का जश्न मनाने के लिए रायमुंडो सपोर्टा ने इटली से इग्निस वारिसे, ब्राजील के कोरिंथियंस और शिकागो जेमाको सेंट्स के साथ एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित किया, जिसे शुरू में इंटरकांटिनेंटल कप कहा जाता था। इस प्रतियोगिता ने क्रिसमस टूर्नामेंट के अगुआ के रूप में काम किया, जिसे क्लब ने 2004 तक आयोजित किया। इन चार दशकों के दौरान दुनिया की बेहतरीन टीमें हर साल रियल मैड्रिड खिलाड़ियों को लेने के लिए स्पेनिश राजधानी में आती थीं। इसके साथ ही यह एक परंपरा बन गई, जिसने क्लब की प्रतिष्ठा को एक अलग मुकाम दिया और स्पेन में बास्केटबॉल खेल को नई ऊंचाई छूने में मदद की।
यूरोपियन चैंपियनशिप कप के फार्मेट में बदलाव हुआ और यह फैसला लिया गया कि अब फाइनल एक ही मैच वाला होगा। वहीं, 1967 में रियल मैड्रिड ने टूर्नामेंट के फाइनल में मेजबानी की, जहां उसको इसका लाभ भी मिला। रियल मैड्रिड ने सिमंथल मिलानो के खिलाफ अपने कोर्ट पर चार वर्षों में अपना तीसरा महाद्वीपीय खिताब हासिल किया। हालांकि, 1968 में फिर ऐसा देखने को मिला, जो आमतौर पर बहुत कम होता था। मैड्रिड एक बार फिर फाइनल में पहुंच गया, लेकिन इस दौरान खिलाड़ी कार्लोस सेविलानो गंभीर रूप से घायल हो गए और एमिलियानो को पीठ की समस्या से परेशान होना पड़ा। वहीं, स्पार्टक ब्रनो खिताब हासिल करने के लिए पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक थे, लेकिन फर्नांडेज के खिलाड़ी इस बार भी जीतने में सफल रहे। इस टूर्नामेंट के ग्यारह संस्करण खेले जाने के बाद रियल मैड्रिड के नाम चार खिताब हो चुके थे और इसी के साथ महाद्वीप पर यह क्लब एक सच्चे शासक के रूप में अपने आपको साबित किया।